Myopia क्या है और यह क्यों बढ़ रहा है?
क्या आपको या आपके बच्चे को दूर की चीजें देखने में दिक्कत होती है? अगर हां, तो संभवतः यह Myopia (नज़दीक की नज़र कमजोर होना) का संकेत हो सकता है। यह समस्या हाल के वर्षों में बच्चों में तेजी से बढ़ी है।
साइंटिफिक भाषा में इसे मायोपिया कहा जाता है, और इसके मामले भारत में चौंकाने वाले स्तर तक बढ़ गए हैं। 5-15 साल के बच्चों में Myopia का रेट 20 साल पहले 4.5% था, लेकिन अब यह 21% को पार कर चुका है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 2050 तक दुनिया की आधी आबादी को चश्मे की जरूरत होगी। यह स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि इसे अब एक महामारी (Epidemic) माना जा रहा है।

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Myopia से बचाव के मुख्य कारण
- बढ़ता स्क्रीन टाइम – मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आँखों पर तनाव बढ़ता है।
- आउटडोर एक्टिविटीज की कमी – दिन की रोशनी में कम समय बिताने से आँखों को जरूरी प्राकृतिक पोषण नहीं मिलता।
- नज़दीक से पढ़ाई या काम करना – लंबे समय तक किताबें, मोबाइल, या लैपटॉप देखने से आँखों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
- अनुवांशिक (Genetic) कारण – यदि माता-पिता को चश्मा लगा हो, तो बच्चों को भी Myopia होने की संभावना बढ़ जाती है।
Myopia से बचाव के लिए असरदार उपाय
1. बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें
साइंटिफिक स्टडीज़ के अनुसार, रोजाना कम से कम 2 घंटे बाहर धूप में बिताने से Myopia से बचाव का खतरा 30-50% तक कम हो सकता है (Source: American Academy of Ophthalmology, 2020)।
2. स्क्रीन टाइम को सीमित करें
- 2 साल से छोटे बच्चों को स्क्रीन से पूरी तरह दूर रखें।
- स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए रोजाना 1-2 घंटे से अधिक स्क्रीन टाइम न रखें।
- 20-20-20 नियम अपनाएं – हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
2019 में JAMA Ophthalmology द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बच्चों में स्क्रीन टाइम बढ़ने से Myopia की संभावना दोगुनी हो सकती है।
3. सही पोषण और आहार लें
- हरी सब्जियां और विटामिन A, C, और E से भरपूर आहार लें।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड (मछली, अखरोट) से आँखों की रोशनी बेहतर होती है।
- पर्याप्त पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
British Journal of Ophthalmology (2021) की एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन A और C की पर्याप्त मात्रा लेने से Myopia की प्रगति धीमी हो सकती है।
4. आँखों की एक्सरसाइज़ करें
- पामिंग – हथेलियों से आँखों को हल्के से ढककर रिलैक्स करें।
- ब्लिंकिंग एक्सरसाइज़ – जल्दी-जल्दी पलकें झपकाने से आँखों का ड्राइनेस कम होता है।
- फोकस चेंजिंग एक्सरसाइज़ – उंगली को पास और दूर ले जाकर फोकस शिफ्ट करें।
National Eye Institute (NEI) के अनुसार, नियमित आँखों की एक्सरसाइज़ से आँखों की कार्यक्षमता बेहतर होती है और तनाव कम होता है।
5. नियमित आँखों की जांच कराएं
हर 6-12 महीने में आँखों की जाँच करवाना आवश्यक है, ताकि किसी भी समस्या को समय रहते ठीक किया जा सके।

Myopia का इलाज: क्या चश्मे के बिना भी आँखें ठीक हो सकती हैं?
अगर Myopia हो चुका है तो क्या किया जाए?
- ऑर्थो-K लेंस – ये विशेष नाइट कॉन्टैक्ट लेंस हैं, जो कॉर्निया को ठीक करने में मदद करते हैं।
- स्पेशल आई ड्रॉप्स – डॉक्टर की सलाह से इस्तेमाल करने से Myopia की प्रगति धीमी हो सकती है।
- LASIK सर्जरी – यह एक स्थायी समाधान हो सकता है, जिससे चश्मे की जरूरत खत्म हो सकती है।
- आयुर्वेदिक उपाय – त्रिफला, गाजर का रस और आंवला जैसे प्राकृतिक तत्व आँखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
- योग और प्राणायाम – नेत्र संजीवनी योग, त्राटक और ब्रह्मारी प्राणायाम जैसी तकनीकें आँखों की रोशनी सुधारने में सहायक हो सकती हैं।
- ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग – डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली हानिकारक नीली रोशनी को कम करने के लिए एंटी-ग्लेयर चश्मे या ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें।
निष्कर्ष
Myopia से बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि हम अपनी आँखों की सही देखभाल करें। बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज़ में शामिल करें, स्क्रीन टाइम कम करें, और आँखों का नियमित चेकअप करवाएं।
यदि आप चाहते हैं कि आपकी और आपके बच्चों की आँखें लंबे समय तक स्वस्थ रहें, तो आज से ही इन उपायों को अपनाना शुरू करें।
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